Wednesday, December 26, 2018

यादवों की उत्पत्ति

एक यदुवंशी का सम्पूर्ण परिचय....

जाति ........... यादव / अहीर
वंश .......... चंद्रवंशी छत्रिय
कुल .......... यदुकुल / यदुवंशी
इष्टदेव .......... श्रीकृष्ण
ऋषिगोत्र....... अत्रेय /अत्रि...आदि 150 के लगभग
ध्वज ......... पीताम्बरी
रंग ......... केसरिया
वृक्ष ......... कदम्ब और पीपल
हुंकार ......... जय यादव जय माधव
रणघोष ......... रणबंका यदुवीर
निशान ......... सुदर्शन चक्र
लक्ष्य ......... विजय

यदुवंश के गौरवमयी इतिहास से लोगों को परिचित कराने का यह छोटा सा प्रयास भर है.... हम यदुवंशी हैं.. राजा यदु के वंशज जिनकी 49सवीं पीढ़ी में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था...हम उन्ही श्रीकृष्ण वंशज हैं...हमारे बच्चे बच्चे को अपने गौरवशाली इतिहास से वाकिफ होना ही चाहिए... बस यह प्रयास उसी दिशा में है... हम यदुवंशी चन्द्रवंश शाखा के यदुवंशी क्षत्रिय हैं... आरक्षण हमे आर्थिक व शैक्षिक रूप से पिछड़ जाने के कारण मिला है.. न कि शूद्र होने के कारण...आरक्षण से वर्ण नहीं बदल जाता...आरक्षण सहायता के लिए उठाया गया संवैधानिक कदम है न कि वर्ण व्यवस्था के कारण...ये सुविधा वैश्यों और ब्राह्मणों की भी कुछ जातियों को भी मिली हुई है
..किन्तु इससे उनका भी वर्ण नहीं बदल जाता है.. वर्ण व्यवस्था में हम सवर्ण हैं और क्षत्रिय हैं... हम यदुवंशी ठाकुर हैं... यादव/अहीर/यदुवंशी/राव/चौधरी/राय/सिंह आदि हमारे प्रमुख टाइटल हैं....आपकी जानकारी के लिए मैं भारत के विभिन्न प्रदेशों में यदुवंशियों के प्रचलित उपनामों का ब्यौरा प्रदेशवार दे रहा हूं.....
अब मैं थोड़ा ऐतिहासिक तथ्यों पर भी प्रकाश डालूंगा.. बहुत बार दूसरे लोग चिढ़ की वजह से या फिर हमें नीचा दिखाने की गरज से कह देते हैं कि तुम तो अहीर हो यादव नही हो...भगवान कृष्ण तो यादव थे...क्षत्रिय थे तुम तो अहीर हो ...नन्द के वंशज जिन्होंने कृष्ण को पाला था..तो आपको पता होना चाहिए कि कृष्ण के पिता वासुदेव और बाबा नन्द आपस मे सगे चचेरे भाई थी...और दोनों ही चंद्रवंशी क्षत्रिय थे....तो अब ऐसी ही कुछ भ्रांतियों को मै बिंदुवार स्पष्ठ करूँगा....

१..बाबा वासुदेव और बाबा नन्द का रिश्ता..

......श्रीकृष्ण के पिता का नाम राजा 'वासुदेव' और माता का नाम 'देवकी' था। जन्म के पश्चात् उनका पालन-पोषण 'नन्द बाबा' और 'यशोदा' माता के द्वारा हुआ।
भागवत के अनुसार वासुदेव यादव के पिता का नाम 'राजा सूरसेन' था तथा बाबा नन्द यादव के पिता का नाम राजा 'पार्जन्य' था तथा इनके बाबा नन्द सहित 9 पुत्र थे - उपानंद, अभिनंद, नन्द, सुनंद, कर्मानंद, धर्मानंद, धरानंद, ध्रुवनंद और वल्लभ। 'नन्द बाबा' 'पार्जन्य' के तीसरे पुत्र थे। सूरसेन और पार्जन्य दोनों सगे भाई थे। सूरसेन जी और पार्जन्य जी के पिताजी का नाम था महाराज देवमीढ।इस प्रकार बाबा वासुदेव और बाबा नन्द एक ही दादा की संतान थे तथा दोनों ही यदुवंश की शाखा 'वृष्णि' कुल से थे। आगे चल बाबा नन्द के कुछ वंशज जो वृष्णि कुल के ही यदुवंशी थे उन्होंने बाबा नन्द को पूज्य मान नन्दवंशी अहीर कहलाए तथा बाकी के बचे हुए वसुदेव और नन्द जी के वंशज कालांतर में भी 'वृष्णि' कुले यदुवंशी अहीर कहलाए...

'भागवत पुराण' में बाबा नन्द को गोकुल गाँव का चौधरी लिखा है तथा पूरा नाम "चौधरी नन्द यादव" लिखा है।
भागवत के अनुसार 'नन्द बाबा' के पास नौ लाख गायें थी। उनकी बड़ी ख्याति थी। और वे पूरे गोकुल और नंदगाँव के मुखिया थे...कुछ लोग अज्ञानतावश कुतर्क देते है....परन्तु सच यही है की इस तरह से 'श्रीकृष्ण' का जन्म और पालन-पोषण 'यदुवंशी-क्षत्रिय' परिवार में ही हुआ था.....

2...अहीर/अभीर शब्द का अर्थ....

'अहीर' एक 'प्राकृत' शब्द है जो संस्कृत के 'अभीर' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'निडर'.
अपनी निडरता और क्षत्रिय वंश के कारण की यदुवंशीयों का नाम 'अहीर' पड़ा।

3....कंस कौन था....ठाकुर या यादव...?

कुछ लोग यह भी कुतर्क करते हैं कि कंस कौन था...कंस अंधक कुल का क्षत्रिय यदुवंशी था..भागवत के अनुसार यादवों के कुल 106 कुल हुआ करते थे जैसे .....अंधक, अहीर, भोज, स्तवत्ता, गौर आदि 106 कुलों को मिलाकर यादव गणराज्य कहा जाता था...ठाकुर कोई जाति नहीं अपितु एक पदवी या उपाधि है जो मुख्यत: रजवाड़ों को दिया जाता है फिर चाहे वो यदुवंशी कुल का रजवाड़ा हो या चौहान या कोई और कुल का..कालांतर में कई प्रसिद्ध यदुवंशी रजवाड़े हुए जैसे महाक्षत्रप राजा ईश्वरसेन अहीर, महाराजा माधुरीपुत्र अहीर, महाराजा रूद्रमूर्ति अहीर जैसे कई यदुवंशी शासक 6th AD के ठाकुर भी कहलाए..... ......'ठाकुर' शब्द की पदवी सबसे पहले द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण को दी गई थी जब उन्होंने सभी यादव कुलों को ब्रज से लेजाकर द्वारिका स्थापित किया था तब सभी यादवों ने मिलकर द्वारिकाधीश को इस पदवी से विभूषित किया....चौधरी, ठाकुर, राव आदि ये सब शाही पदवियां है जिसका किसी जाति विशेष से कुछ लेना देना नहीं है....इस तरह से हम स्वयं यदुवंशी ठाकुर हैं... और मध्यप्रदेश के घोषी यादव तो स्पस्ट रूप से ठाकुर पदवी का प्रयोग करते भी हैं...

4....यदुवंशी(यादव/अहीर)क्षत्रिय की उत्पत्ति...(Origin of Yadavas)...

यहां पुराणों के अनुसार यदुवंशियों की पूरी वंशावली प्रस्तुत कर रहा हूं... इसे ध्यान से पढ़िए..यदुवंश के इस इतिहास को आप यू टयूब पर भी देख सकते हैं...

1.....ब्रम्हा
2.....ब्रम्हा के पुत्र अत्रि ऋषि
3....अत्रि ऋषि के पुत्र चन्द्रमा....इन्हीं से चन्द्र वंश का प्रारंभ हुआ तथा वंशज चंन्द्रवंशी क्षत्रिय कहलाए...
4....चन्द्रमा के पुत्र बुध
5....बुद्ध के पुत्र पुरुरवा
6....पुरुरवा के पुत्र आयु
7.....आयु के पुत्र नाहुष
8.....नहुष के पुत्र ययाति

9......महाराज ययाति की दो पत्नियां थीं.... ययाति का पहला विवाह गुरु शुक्राचार्य की पुत्री देवयानी से हुआ एवं इनसे दो पुत्र हुए...
1...यदु
2...तुर्वसु

• ....शर्मिष्ठा महाराज अयाति की दुसरी पत्नी थी तथा इनसे तीन पुत्र हुए इस प्रकार से महाराज ययाति के पांच पुत्र थे..
• 3.....अनू
• 4....द्रुहू
• 5.....पुरु

यहीं से चंद्रवंशी क्षत्रिय वंश मे दो महत्वपूर्ण वंश आरम्भ हुए....

यदु से यदुवंशी(यादव/अहीर)और पुरु से पुरुवंशी नामक वंश प्रारंभ हुए....

.....राजा यदु के चार पुत्र थे....सहस्रजित्,क्रोष्टा,नल और रिपु...यादव वंश मे पूर्व मे १०१ कुल थे,जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं.....

यदुवंशी:

(1)वृष्णि वंशी यादव.....महाराज वृष्णि के वंशज हैं।इस वंश मे महाराज सुरशेन,वासुदेव(भगवान श्री कृष्ण के पिता), महाराज पारजन्य( बाबा नन्द के पिता और महाराज शूरसेन के सगे भाई), बाबा नन्द (बाबा नन्द के वंशज इन्हें अराध्य मान नंदवंशी अहीर भी कहलाए) , श्रीकृष्ण,बलराम,देवी सुभद्रा, इत्यादि का जन्म हुआ है।श्रीकृष्ण का जन्म इस वंश मे होने के कारण इन्हें कृष्णौत अहीर भी कहते हैं।ये "सुरशेन प्रदेश"के शासक थे। इस वंश के राजा देवागिरी का सेउना राजवंश इसी कुल से थे और कृष्णौत अहीरों के वंशज माने जाते है।

(2)अंधक वंशी यादव......महाराज अंधक के वंशज हैं।महाराज आहुक, उग्रसेन,देवक( देवकी के पिता), कंस, माता देवकी(श्रीकृष्ण की माँ)इत्यादि का जन्म हुआ है।ये"मथुरा प्रदेश" के शासक थे।ये"मथुरौट"भी कहलाते है।ये यादवों के क्षत्रप थे।इनकी सेना १०००००००एवं आचार्य ३००००० थे।
इस वंश के कुछ राजा इस तरह से हैं...

(3) भोज वंशी यादव---महाराज महाभोज के वंशज हैं।इस वंश मे महाराज विदर्भ,चेदिराज,दमघोष,शिशुपाल इत्यादि का जन्म हुआ है।ये "विदर्भ प्रदेश"के शासक थे।

(4) ग्वालवंशी यादव---- पवित्र ग्वाल बाल के वंशज। मूलतः यदुवंशी राजा गौड़ के वंशज हैं.....और मूलतः ग्वालवंशी यादव बिहार और यूपी के पूर्वाचंल इलाकों में पाऐ जाते हैं...

(5)..हैहय वंशी यादव-----महाराज सहस्रजीत के वंशजहैं। इस वंश मे हैहय,महिष्मान, सहस्रबाहु अर्जुन,तालजंघ इत्यादि का जन्म हुआ था।ये"माहिष्मति प्रदेश" के शासक थे।इस वंश के" सहस्रबाहु अर्जुन"सातों द्वीपों के एकछत्र सम्राट थे...हैहय वंश यदुवंश का सबसे पुराना वंश है जो रामायण काल में भी थे....अहीर वंश का उदय इसी वंश से हुआ था और आगे चल इसी अहीर वंश और बाकी के वंशों से सम्मलित हो वृष्णी वंश बना था जिसमें कृष्ण का जन्म हुआ था...इस कुल के राजा:
महाक्षत्रप राजा ईश्वरसेन अहीर,कलचुरी वंश के अहीर शासक, तथासाउथ के त्रैकुटा सामराज्य के अहीर शासक भी इसी कुल के थे।

महाराज यदु द्वारा सर्प का संहार किए जाने के कारण उन्हें"अहीर" की उपाधि भी दी गई थी...कालिया नाग को हराने के बाद भगवान...श्रीकृष्ण को भी "अहीर"कहा जाता है..यादवों को "माधव" ,"आभीर(fearless)","अहीर"और "वार्ष्णेय"भी कहा जाता है। इन सभी वंशो को मिलाकर ही यदुवंश कहा जाता है....इस तरह से यादव वैदिक क्षत्रिय हैं..चन्द्रवंश शाखा के यदुवंशी क्षत्रिय हैं...यादव या यदु हमारा कुल है वंश है... और अहीर (अर्थात आभीर जिसका अर्थ है...निर्भीक/निडर...किसी से भी न डरने वाले)...हमारी उपाधि है....👍

(श्री मद भागवत महापुराण/शुकसागर,गर्ग संहिता,महाभारत के आधार पर...)

॥ जय द्वारिकाधीश ॥

॥ जय यदुवंशी क्षत्रिय ॥

Tuesday, August 7, 2018

यादव कौन है ? यादव का इतिहास ,कृष्ण यादवो के पूर्वजो थे |


यादव जाती का इतिहास

                                       

यादव वंश प्रमुख रूप से अहीर – व्रष्णि तथा सत्वत नामक समुदायो से मिलकर बना था, जो कि भगवान कृष्ण के उपासक थे। यह लोग प्राचीन भारतीय साहित्य मे यदुवंश के एक प्रमुख भाग के रूप मे वर्णित है।  प्राचीन, मध्यकालीन व आधुनिक भारत मे अहीर  यादव नाम से जाने जाते है।

पुराण


पुराणों के विश्लेषण से यह निश्चित रूप से मान्य है कि अंधक,वृष्णि, सत्वत तथा अहीर जातियो को संयुक्त रूप से यादव कहा जाता था जो कि श्रीक़ृष्ण की उपासक थी। परंतु यह भी सत्य है कि पुराणो मे मिथक तथा दंतकथाओं के समावेश को नकारा नहीं जा सकता, किन्तु महत्वपूर्ण यह है कि पौराणिक संरचना के तहत एक सुद्र्ण सामाजिक मूल्यो की प्रणाली प्रतिपादित की गयी थी।

यादव जाति के मूल मे निहित वंशवाद के विशिष्ट सिद्धांतानुसार, सभी भारतीय गोपालक जातियाँ, उसी यदुवंश से अवतरित है जिसमे श्रीक़ृष्ण (गोपालक व क्षत्रिय) का जन्म हुआ था । उन लोगों मे यह द्रढ़ विश्वास है कि वे सभी श्रीक़ृष्ण से संबन्धित है तथा वर्तमान की यादव जातियाँ उसी प्राचीन वृहद यादव सम समूह से विखंडित होकर बनी हैं।                   
                                 

यादव शब्द कई जातियो को आच्छादित करता है जो मूल रूप से अनेकों नामों से जानी जाती है, हिन्दी क्षेत्र, गुजरात व पंजाब मे  – अहीर ग्वाला, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र व कर्नाटक मे- गवली, जिनका सामान्य पारंपरिक कार्य चरवाहे, गोपालक व दुग्ध-विक्रेता हैं ।

यादव लगातार अपने जातिस्वरूप आचरण व कौशल को उनके वंश से जोड़कर देखते आए हैं जिससे उनके वंश की विशिष्टता स्वतः ही व्यक्त होती है। उनके लिए जाति मात्र पदवी नहीं है बाल्कि रक्त की गुणवत्ता है, और ये द्रष्टव्य नया नही है। अहीर (वर्तमान मे यादव) जाति की वंशावली एक सैद्धान्तिक क्रम के आदर्शों पर आधारित है तथा उनके पूर्वज, गोपालक योद्धा श्री कृष्ण पर केन्द्रित है, जो कि एक क्षत्रिय थे।


क्षत्रियों का प्रधान वंश यादव वंश है :-


क्षत्रियों का प्रधान वंश यादव वंश है। यादव-कुल की एक अति-पवित्र शाखा ग्वालवंश है जिसका प्रतिनिधित्व नन्द बाबा करते थे । बहुत से अज्ञानी दोनों को अलग -अलग वंश का बताते हैं । मूर्खों को ये मालूम नहीं की नन्द बाबा और कृष्ण के पिता वासुदेव रिश्ते में भाई थे जिसे हरिवंश पुराण में पूर्णतः स्पष्ट किया गया है। भागवत पुराण में भी इस बात का जिक्र है । ग्वालवंश में ही समस्त यादवों की कुल-देवी माँ विंध्यवासिनी देवी ने जन्म लिया था । भागवत पुराण के अनुसार तो भगवान् श्रीकृष्ण के गोकुल प्रवास के दौरान सभी देवी-देवताओं ने ग्वालों के रूप में अंशावतार लिया था। इसीलिए ग्वालवंश को अति-पवित्र माना जाता है ।

ययाति


यादवो के आरम्भ के बारे में जानने के लिए हमें भागवत पुराण में जाना पड़ेगा. चन्द्र वंश में प्रसिद्ध राजा ययाति (नहुष के पुत्र) हुए हैं. ययाति एक बार अशोक वन में शुक्राचार्य की बेटी देवयानी से मिले और दोनों ने एक दुसरे को पसंद किया.

 शर्मिष्ठा 


देवयानी की मित्र और असुर पुत्री शर्मिष्ठा भी देवयानी के साथ खेलती थी और उनकी बहुत गहरी मित्रता थी. विवाह के समय शर्मिष्ठा को दहेज़ के रूप में देवयानी के साथ खेलने के लिए दे दिया गया परन्तु शुक्राचार्य ने चेतावनी दी कि ययाति शर्मिष्ठा से विवाह नहीं करेगाकी सहमति से दोनों का विवाह हो गया.ययाति और शर्मिष्ठा

शर्मिष्ठा को एक अशोक वाटिका में स्थान दे दिया गया जबकि देवयानी महल में रह रही थी. इस बीच वह भी राजा को पसंद करने लगी थी. एक दिन राजा ययाति के वहां से निकलते समय उसने अपने मन की बात कह दी और देवयानी को बिना बताययाति का शाप

देवयानी के 2 बेटे और शर्मिष्ठा से 3 बेटे हुए. एक दिन देवयानी को यह पता चल गया और उसने यह बात अपने पिता को बता दी. तब उन्होंने ययाति को शाप दे दिया की वह अभी बूढा हो जाये और सारी शक्ति क्षीण हो जाये.ये दोनों ने विवाह शाप का उपाय
                                                       

शुक्राचार्य ने कहा की अगर उनका कोई पुत्र उनकी वृद्धावस्था लेले और बदले में अपनी जवानी देदे तो वह फिर से जवान हो सकते हैं. इसके बाद ययाति ने पुत्रों के सामने प्रस्ताव रखा कि जो उसे अपनों जवानी देगा उसे ही राज्य मिलेगा.कर लियदुवंश का उद्दभव

सबसे छोटे बेटे पुरु ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया. कुरुवंश (कौरव पांडव) इन्ही के वंशज हुए हैं. सबसे बड़े बेटे यदु ने अपना अलग राज्य स्थापित कर यदुवंश की स्थापना की. वसुदेव यदु के ही वंशज थे, इसलिए यादव भी क्षत्रिय हैंयायादव जाती का अर्थ  !!



      यदि इस लेख में कोई गलती है तो आप Comment Box में बताये उसे तुरंत सुधारा जायेगा |





स्कूल में बचपन के कुछ खास लम्हे ! बचपन के दिन

बचपन की ये घटना थोड़ी लंबी ज़रूर है


मगर
है काफी रुचिकर 😁🙏🏻😁

9th में हम Geography की कॉपी नहीँ बनाये थे और कॉपी चेक कराने का भयंकर Pressure था,
मैडम भी बड़ी सख्त थीं....

पता चलता उनको तो उल्टा ही टांग देतीं,
पूरे 9 chapter हो चुके थे लड़के 40 40 वाले रजिस्टर भर चुके थे और हमपर जो भी था एक रफ़ कॉपी में ही था,
                                                         
2 रात को ससुर एक मिनट नींद नहीं आयी, ऊपर से बापू को पता चलने का डर...और उसी साल बापू ने दुनाली का license भी लिया था

चेकिंग का दिन आया, मैडम ने चेकिंग शुरू की....18 रोल नंबर वालों तक कि कॉपी चेक हुईं और घंटा लग गया, हमने राहत की सांस ली...तभी मैडम ने जल्दी जल्दी में कहा कि सभी बच्चे कॉपी जमा करके दे दो मैं चेक करके भिजवा दूंगी...

तभी हमारा शातिर दिमाग घूमा, 🤔
हम भीड़ में कॉपियों तक गए और जैसे बीजगणित में मान लेते हैं न ठीक वैसे ही हमने मान लिया कि कॉपी हमने जमा कर दी 😂                   
                                                           

अब कॉपी का टेंशन मैडम का 😂

2 दिन बाद सबकी कॉपी आयीं, हमारी नहीं आयी...आती भी कैसे 😂

अब हम गए मैडम के पास की मैडम हमारी कॉपी नहीं आयी, वो बोलीं की मैं चेक कर लूंगी staffroom में होगी,

अगले दिन हम फिर पहुच गए कि मैडम हमारी कॉपी, मैडम बोलीं कि स्टाफरूम में तो है नहीं मेरे घर रह गयी होगी कल देती हूँ,
हमने कहा ठीक है,

अगले दिन हम फिर....मैडम कॉपी 🤣 मैडम बोली कि बेटा मेने घर देखी थी, आपकी कॉपी मिल गयी है...😂 आज मैं लाना भूल गयी, कल देती हूँ 😂😂

मैंने कहा वाह ...कमाल हो गया, हमारे बिना submit किये ही कॉपी मैडम के घर पहुँच गयी 😂

अगले दिन हम फिर...मैडम कॉपी, मैडम याद भी करना है 🤣

और यूँ हमने 5 दिन तक मैडम को torture किया, फिर मैडम ने हमको स्टाफरूम में बुलाया और ज्यों ही बोला की
                                             

"देखो बेटा...आपकी कॉपी हमसै गलती से खो गयी है"

हमने ऐसा मुरझाया मुंह बना लिया जैसे पता नहीं अब क्या होगा और कहा "मैडम अब क्या होगा,
हम इतना दोबारा कैसे लिखेंगे, याद कैसे करेंगे....एग्जाम कैसे देंगे, इतना सारा हम फिर से कैसे लिखेंगे" वगैरह वगैरह झोंक दिया  🤣🤣🤣
                                           

         
मैडम ने ज्यों ही कहा "बेटा तुम चिंता न करो, दसवें चैप्टर से कॉपी बनाओ और बाकी दोबारा मत लिखना, वो हम बंदोबस्त कर देंगे" समझ लो ऐसे लगा जैसे भरी गर्मी में कलेजे पर बर्फ रगड़ दी हो किसीने 😂😂😂
                             
मानो 50 किलो का बोझा सिर से उतर गया हो, मैडम के सामने तो खुशी जाहिर नहीं कर सकते थे लेकिन
मैडम के जाते ही तीन बार घूँसा हवा में मारकर "Yes...Yes...Yes" बोलकर अपन टाई ढीली करते हुए आगे बढ़ लिए 😉😉😂😂😂
अगले दिन मैडम उन 9 चैप्टर की 80 पेज की फोटोस्टेट लेकर आयीं और हमें दी कि ये लो बेटा, कुछ समझ न आये तो कभी भी आकर समझ लेना 🤣🤣🤣
     

उसी दिन हमें अपनी असली शक्तियों का एहसास हुआ की हम कुछ भी कर सकते है....

😎😎😎😎😎😎

इलायची खाने के फायदे , जड़ से खत्म हो जाएंगे यह रोग

सोने से पहले  इलायची का सेवन करे, जड़ से खत्म हो जाएंगे यह  रोग

                                       
                                                                 

                                               

इलायची एक औषधि है जिसको आयुर्वेद में भी प्रयोग किया जाता है। प्राचीन लोगों ने इलायची का नियमित प्रयोग करने के लिए इसको मसालों की श्रेणी में शामिल कर लिया जिससे यह हर रोज हमारे खाने में मिलकर हमारे शरीर में जाता रहे। बहुत सारे लोग आज भी इलायची का अलग-अलग प्रकार से प्रयोग करते हैं। कुछ लोग इसका प्रयोग माउथ फ्रेशनर की तरह भी करते हैं। खाना या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ खाने के बाद इलायची को मुंह में रख कर धीरे-धीरे चलाते हैं जिससे उनके मुंह की दुर्गंध चली जाती है और हमेशा उनके मुंह से इलायची की सुगंध आती रहती है। इलायची को कई बीमारियों में अलग-अलग प्रकार से भी प्रयोग किया जाता है। आज हम आपको उसी विषय के बारे में बताएंगे।


यदि आप बहुत लंबे समय से दांत के दर्द से परेशान हैं तो इलायची इसमें आपकी सहायता कर सकता है। सबसे पहले कुछ इलाकों को लेकर उन्हें पीसकर उनका पाउडर बना लें। यदि दांत में सड़न है तो उस इलायची के पाउडर को उस सड़न वाले गड्ढे में भर दें। अगर दातों में पाउडर भरने की जगह ना हो तो पाउडर को धीरे-धीरे अपनी उंगलियों के सहायता से दर्द वाले स्थान पर लगाएं लगभग 5 मिनट तक यह करते रहे इससे आपके दांतों का दर्द आराम हो जाएगा।

                                                   



आजकल बहुत ज्यादा लोगों को कब्ज की शिकायत होती है। यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को भी यही शिकायत है तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। खाना खाने के बाद इलायची के 2 दाने मुंह में रख ले और धीरे-धीरे चबाकर उन्हें खाएं आप की कब्ज की समस्या सदा के लिए समाप्त हो जाएगी। इलायची इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त करता है यानी आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता। जो लोग बार बार बीमार पढ़ते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। उन लोगों को हर रोज दो से तीन इलायची गर्म पानी के साथ खाना चाहिए। यह तरीका आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुना बढ़ा देती है जिससे अनचाही बीमारी आपके शरीर कुछ हो नहीं पाती है और आप हमेशा स्वस्थ रहते हैं।

इलायची के फायदे –


पाचनतंत्र मजबूत करे – हर भारतीय खाने के बाद अपने मेहमानों को सौंफ, इलायची देता है| आपको पता है ऐसा क्यों ? क्यूंकि इलायची में नेचुरल तत्व होते है जो खाने को पचाने में मदद करते है| इससे गले व पेट में होने वाली जलन भी कम होती है, साथ ही पेट के अंदर की सुजन कम करती है| इलायची से गैस, एसिडिटी, ख़राब पेट की शिकायत दूर होती है|

 How to use  ( कैसे प्रयोग करे ) –


 छोटा टुकड़ा अदरक, 2-3 लौंग, 3-4 इलायची, 1 चम्मच धना| इन सब को पीस कर चूर्ण बना लें, अब इसे रोज खाने के बाद 1 चम्मच पानी के साथ खाएं| पाचन से जुडी सारी परेशानी दूर होगी|

                                 




सर्दी खराश दूर करे – सर्दी की वजह से कई बार गले में बहुत दर्द होता है, और अजीब सी खराश होती है | इसे ठीक करने का सबसे आसन तरीका है इलायची | सुबह खाली पेट व रात को सोने से पहले 1-2 इलायची चबाएं | फिर गुनगुना पानी पी लें | गले को कुछ ही समय में आराम मिलेगा | इलायची गर्म करती है, जिसके सेवन से शरीर में गर्माहट बढती है व सर्दी खांसी से आराम मिलता है | कफ की भी परेशानी दूर होती है |

हिचकी बंद करे – इन्सान को कभी भी अचानक हिचकी आने लगती है | इसकी कोई Medicine तो नहीं आती है| कुछ नेचुरल तरीके से बंद किया जा सकता है | कई बार ये बहुत देर तक लगातार आती है जिससे परेशानी महसूस होती है | इसे बंद करने के लिए बीएस आपको 1 इलायची मुहं में दबानी है | इसे चबाते रहिये कुछ देर में हिचकी गायब हो जाएगी |

ब्लडप्रेशर कंट्रोल – इलायची में ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने की भी क्षमता होती है, इसमें पोटेशियम, फाइबर होता है जो ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है | ब्लडप्रेशर के मरीज को खाने के बाद इलायची का सेवन जरुर करना चाहिए |
विषेले पदार्थ निकाले – शरीर की अंदरूनी सफाई उतनी ही जरुरी है जितनी बाहरी| हम बाहरी सफाई का तो पूरा ध्यान रखते है लेकिन शरीर के अंदर की सफाई कभी नहीं सोचते | कुछ भी अटर शटर खाते रहते है टैंकर की तरह सब भरते जाते है | आपको अंदरूनी सफाई का आसन तरीका बताती हूँ | आपको रोज बस एक इलायची खानी है, इससे किडनी से सारे विषेले तत्व निकल जायेंगे |

दिमाग मजबूत करे – दिमाग मजबूत करने, आँखों की रोशनी बढ़ाने व याददाश बढ़ने में इलायची बहुत मददगार है | इलायची के दानों को 2-3 बादाम व 2-3 पिस्ता के साथ 2-3 चम्मच दूध डालकर पीस लें | अब 1 गिलास दूध में इसे मिलाकर आधा होने तक गाढ़ा करें | फिर इसमें मिश्री मिलाएं और खाएं | ये बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होता है |

उलटी बंद करे – जी मचलाना, उल्टी जैसा लगना, मुंह का स्वाद ख़राब होना, ऐसा कुछ भी होने पर इलायची चबाएं| थोड़ी ही देर में अच्छा लगने लगेगा |

मुंह का संक्रमण दूर करे – मुहं की दुर्गंध, किसी तरह का संक्रमण, अल्सर इन सब से इलायची बचाता है | साँसों में बदबू से बचने के लिए रोज इलायची खाएं |
                           
दिल की रक्षा – इलायची में मौजूद खनिज तत्व दिल की रक्षा करने में सहायक है | इलायची खाने से पल्स रेट सही रहता है व खून का संचालन सुचारू रूप से होता है |

तनाव मुक्त – अगर आपको किसी बात की चिंता है, या बिना बात के आप अकेलापन महसूस कर रहे है, लगातार ऐसा होने से आप डिप्रेशन का शिकार हो जाते है| तनाव मुक्त रहने के लिए इलायची बहुत मदद करती है | इलायची चबाने या इलायची वाली चाय पीने से हार्मोन तुरंत बदल जाते है और तनाव छुमंतर हो जाता है |
                                           

इलायची के नुकसान

एलर्जी – लगातार इलायची खाना या ज्यादा मात्रा में इलायची खाने से शरीर में रिएक्शन होने लगता है | और फिर किसी भी तरह की एलर्जी होने लगती है, जिससे शरीर में खुजली, स्किन रेश, लाल धब्बे आ जाते है | कई लोगों इलायची से एलर्जी का अनुमान नहीं होता और वे इसे खा लेते है जिससे उन्हें सांस में तकलीफ होने लगती है |

एलर्जी के कुछ लक्षण है –

सीने व गले में खिंचाव व दर्द
सांस लेने में परेशानी
जी मचलाना

पथरी – जी हाँ कई बार इलायची पथरी का कारण बन जाती है| एक शोध के अनुसार पता चला है कि हमारा शरीर इलायची को पूरी तरह से पचा नहीं पाता है, फिर अत्यधिक मात्रा में इसे लेने से ये धीरे धीरे इक्कठे होते जाता है और गालब्लैडर स्टोन का कारण बन जाता है| पथरी के रोगी को इलायची से परहेज करना चाहिए |

रिएक्शन – अगर आप किसी तरह की दवाइयां ले रहे है, तो कई बार इलायची इनके साथ रिएक्शन करके दूसरी परेशानी उत्पन्न कर देती है| या कई बार आपको दवाइयों का असर बंद हो जायेगा| अगर आप कोई दवाई लेते है तो इलायची खाने की आदत आपको छोड़ देनी चाहिए |

इलायची एक एेसा मसाला है जो हर भारतीय की रसोई में पाया  जाता है। इसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने और खुशबू लाने के लिए किया जाता है। यह देखने में भले ही छोटी हो पर स्वस्थ के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसको खाने से पथरी, गले की समस्याएं, कफ, गैस, बवासीर, टी.बी, पेशाब करने से होने वाली जलन से राहत, उल्टी, पित्त, रक्त रोग, हृदय रोग से संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाती है। इलायची को आप किसी भी समय खा सकते हैं लेकिन रात में इसका सेवन पानी के साथ करने से बहुत फायदा मिलता है। आज हम आपको इलायची खाने से होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहें है |

  इलायची खाने के फायदे :-


1. जिन लोगों को कील मुहासे की समस्या रहती हो उनको रोजाना रात को इलायची का सेवन करना चाहिए। सोने से पहले गर्म पानी के साथ एक इलायची खाने से स्किन संबंधित समस्याओं से राहत मिलेगी।



2. कुछ लोगों को हमेशा पेट से संबंधित प्रॉब्लम रहती है। पेट ठीक न रहने के कारण बाल झड़ने लगते है। इन दोनों समस्याओं से बचने के लिए सुबह खाली पेट 1 इलायची गुनगुने पानी के साथ खाएं। कुछ दिनों तक लगातार खाने से फर्क दिखाई देने लगेगा।


3. कुछ लोगों को ढेर सारा काम करने के बाद भी रात को नींद नहीं आती। सोने के लिए लोग दवाइयों को सहार लेते हैं जिसका शरीर पर गलत प्रभाव पड़ता है। नेचुरल तरीके से नींद लेने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले इलायची को गर्म पानी के साथ खाएं। इससे नींद आएगी और खर्राटे की समस्या भी दूर हो जाएगी।


4. गैस, एसिडिटी, कब्ज, पेट में ऐंठन की समस्या को इलायची से दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही हिचकी से भी राहत मिलती है।


5. मुंह से आने वाली बदबू को इलायची खाने से दूर किया जा सकता है। इसको खाने से गले में होने वाली खराश दूर होती है और आवाज में सुधार आता है।
                                     



6. रोजाना इसका काढ़ा पीने से मानसिक तनाव को दूर होता है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इलायची पाउडर को पानी में उबालें। अब काढ़े में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीयें। कुछ दिन पीने से आपको फर्क दिखाई देने लगेगा।



7. गर्भवती महिलाओं को अक्सर चक्कर आने की समस्या रहती है। इस से राहत पाने के लिए  इलायची के काढ़े में गुड़ मिलाकर सुबह और शाम पीने से चक्कर आने की समस्या दूर हो जाएगी।



8. सर्दियों के मौसम में होंठ फटने की समस्या आम हैं एेसे में इलायची को पीसकर मक्खन के साथ मिलाकर दिन में दो बार लगाएं। सात दिनों में ही आपको फर्क दिखाई देने लगेगा।



9. इलायची खाने से शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है। इसको रोजाना आहार में शामिल करने से धीरे- धीरे आपका वजन बढ़ने लगेगा। आप इलायची पाउडर या इसको एेसी भी खा सकते हैं।



10. पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे अन्य खनिज पदार्थ पाएं जाते है, जो खुन को साफ करके रक्तचाप को ठीक रखता है।



11.  हरी इलायची फेफड़ों में रक्तसंचार गति को ठीक रखता है। इसके साथ ही यह अस्थमा, जुकाम, खांसी जैसी समस्याओं से भी राहत पहुंती है। यह बलगम और कफ को बाहर निकालकर छाती की जकड़न को कम करने में मदद करती है |

Blog क्या है ? Blog से पैसा कैसे कमाए ?


 What is the Blog ? How to earn money from Blog ?

                                     
                                         


Blogger यह एक मुफ्त वेब पोर्टल सेवा है | इसे Pyra Labs द्वारा बनाया गया था | Pyra Labs ने इसे 23 अगस्त 1999 को लौंच किया था उसके बाद इसे गूगल ने 2003 में खरीद लिया | यह एक मुफ्त सेवा है इस पर मल्टीप्ल यूजर अपना अकाउंट बनाते हैं और फिर वह अपने लिए एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाते हैं | ब्लॉगर आज पूरी दुनियाभर में उपयोग किया जाता है | ब्लॉगर के माध्यम से बहुत सारे लोग मुफ्त में ब्लॉगर पर अपना वेबसाइट और ब्लॉग बना कर अच्छे-खासे पैसे भी कमा रहें हैं | ब्लॉगर एक मुफ्त प्लेटफार्म हैं जो यूजर को मुफ्त में ब्लॉग और वेबसाइट बनाने की सुविधा प्रदान करता है |

Definitions of Blogger

 हॉवर्ड वेब्लोग्स के द्वारा ब्लॉग का डेफिनिशन


A weblog is a hierarchy of text, images, media objects and data, arranged chronologically, that can be viewed in an HTML browser. – Haward Weblogs

एक Weblog यह Blog एक पाठ, चित्र, मीडिया वस्तुओं और डेटा, कालक्रम के अनुसार अनुक्रम कि गयी व्यवस्था है, जो एक HTML के ब्राउज़र में देखि जा सकती है।

 According to the wikipedia


A blog is a discussion or informational website published on the World Wide Web consisting of discrete, often informal diary-style text entries (“posts”) – Wikipedia

एक ब्लॉग एक चर्चा या सूचनात्मक वेबसाइट होता है जो वर्ल्ड वाइड वेब पर प्रकाशित होता है अक्सर अनौपचारिक डायरी शैली पाठ प्रविष्टियों(पोस्ट) से मिलकर।

 According to the  Fundamental of information technology 


 Collection of posts…short, informal, sometimes controversial, and sometimes deeply personal…with the freshest information at the top.–Fundamentals of Information Technology.

कई पोस्ट का संग्रह… छोटे, अनौपचारिक, कभी-कभी विवादों से घिरा और कभी-कभी गहरे व्यक्तित्व से जुडा जो शीर्ष पर होता है कई ताज़ा जानकारियों के साथ।
                                                           

ब्लॉगर बिलकुल मुफ्त है | ब्लॉगर का उपयोग करके आप 15 से 20 मिनट में अपने लिए एक अच्छा-सा वेबसाइट या ब्लॉग आसानी से माउस से ड्रैग और ड्राप करके बना सकते हैं और उस पर अपना कंटेंट पोस्ट कर सकते हैं | ब्लॉगर यूजर को मुफ्त में Unlimited होस्टिंग और इसके साथ एक डोमेन नाम लाइफटाइम के लिए देता है |

ब्लॉगर एक बहुत बड़ा वेबसाइट की तरह है इसमें कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम तैयार करके यूजर को मुफ्त में अपने लिए वेबसाइट या ब्लॉग बनाने और उससे कुछ पैसे कमाने का मौका देता है | अगर आप किसी तरह की वेबसाइट या फिर ब्लॉग बनाना चाहते हैं और वो भी बिलकुल मुफ्त में तो आप इसके लिए ब्लॉगर का उपयोग कर सकते हैं | ब्लॉगर में आपको मुफ्त में Unlimited होस्टिंग दिया जाता है और लाइफटाइम के लिए आप एक blog spot करके डोमेन नाम भी मुफ्त में ही मिलता है | ब्लॉगर में कई अलग-अलग तरह के थीम भी आपको अपने ब्लॉग के लिए मुफ्त में मिल जायेगें | ब्लॉगर में वैसे कुछ ज्यादा फीचर नहीं है | यह एक सिंपल यानि नार्मल वेबसाइट या ब्लॉग बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है

Blogging क्यूँ करना चाहिए ?


Blogging क्यूँ करना चाहिए ? यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है उनके लिए जो अपना Blog Start करना चाहते है या Blogger बनना चाहते है. आज के इस Virtual World में Internet के Uses में ऐसी क्रन्ति आई है कि India में America के बराबर Internet का इस्तेमाल हो रहा है. वही हर इंसान के पास न कुछ Positive Ideas जरूर होता है और Internet एक ऐसा माध्यम है जिसके मदद से वो अपने Ideas को दुनिया के साथ share कर सकता है. लेकिन आप में से कुछ जरूर कहेंगे की हम क्यूँ अपने Ideas, Experience या Lifestyle को Share करें ? लेकिन मेरा एक Strong Believe है कि आप Social Media के माध्यम से अपने Ideas, Experience या Lifestyle को Internet पर Share करते हैं. मेरा कहने का मतलब सिर्फ इतना है की आप भी Blogging करते हैं लेकिन आपका तरीका अलग है. एक प्रश्न और क्या Social Media आपको Pay करता है ? लेकिन यदि आप अपना Blog बना कर उस पर अपने Ideas, Experience या Lifestyle को Share करेंगे तो आप कुछ Earning भी कर सकते हैं.
                                                   

                                   

वेबसाइट या ब्लॉग में फर्क :

 किसी वेबसाइट या ब्लॉग में सबसे बेसिक फर्क ये होता है कि किसी ब्लॉग की तुलना में वेबसाइट की सरंचना कंही अधिक जटिल होती है और और इसे बनाने के लिए हमे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कंप्यूटर का कुशल ज्ञान होना आवश्यक है और वेबसाइट किसी विशेष उद्देश्य के लिए बनाई जाती है जबकि एक ब्लॉग बनाना और उसे ऑपरेट करना एक सरल प्रक्रिया है क्योकि किसी भी ब्लॉग सर्विस प्लेटफार्म कम्पनी द्वारा इसे इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है की Users के लिए कम से कम तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता पड़े |
                                                 
                                                           

Blogger गूगल का प्रोडक्ट है इसलिए इसके कुछ नियम एवं शर्ते भी हैं | जिन्हें आपको ब्लॉग बनाने से पहले ध्यानपूर्वक पढ़ लेना चाहिए | इस पर आप वेबसाइट या ब्लॉग खुद के लिए बना सकते हैं | लेकिन उसे बनाने के बाद बेच कर आप पैसा नहीं कमा सकते हैं क्योंकि ब्लॉगर खुद के लिए ही मुफ्त सेवाएँ देता है | यह गूगल का प्रोडक्ट है उनके अनुमति के बिना आप बेच नही सकते हैं |




ब्लॉग बनाने के फायदे


* किसी भी प्रकार के Job कि जरूरत नहीं है क्योंकि ब्लॉग्गिंग नौकरी से कई ज्यादा बेहतर है।
* आप ब्लॉग के माध्यम से अपना ऑनलाइन व्यापार शुरू कर सकते हैं।
* अगर आपका पहले से ही Business है तो ज्यादा से ज्यादा ग्राहक पा सकते हैं।
* एक ब्लॉगर बनने से पैसे कमाने की बात बाद में आती है पहले तो इससे आपका लिखने का तरीका (Writing Skill) सुधरता है।
* आप को एक लेखक का दर्ज़ा मिलेगा जो एक सम्मान कि बात है।
* ब्लॉग पर आपके पोस्ट लोगों तक पहुँचना आसान है और उनके विचार भी आपके पास कमेंट के माध्यम से झट से पहुँच सकते हैं।
* अपने Blog को आगे बढ़ने के साथ-साथ ऑनलाइन कि दुनिया में हमें बहुत सारे लोगों से बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है।
* अपने क्षेत्र में आप एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित हो सकते हैं।
आप अपना एक ऑनलाइन नेटवर्क बना सकते हैं।
* SEO के बारे में भी अपना ज्ञान बढ़ सकता है जो की बहुत जरूरी है।
(अपने ईमेल सब्सक्रिप्शन आप्शन कि मदद से आप ढेर सारे ईमेल सब्सक्राइबर भी पा सकते हैं।
* आप ब्लॉग पर कई प्रकार के सामान बेच सकते हैं जैसे – Ebooks, services.
*आप अपने विचारों को ब्लॉग के माध्यम से दुनिया के सामने रख सकते हैं।


आज के Modern time में बहुत कम लोग होंगे जो इंटरनेट का यूज नहीं करते है और अधिकतर हम इंटरनेट का यूज जानकारियों हासिल करने के लिए करते है और फ़ोन इंटरनेट में हो रहे लगातार सुधारो के बाद इंटरनेट की गति और ट्रैफिक में काफी बढ़ोतरी हुई है । स्मार्टफोन के Middle Class Budget उपलब्ध होने का कारण अधिकतर लोगो ने अपने पुराने फ़ोन्स को रिप्लेस कर दिया है और स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है और हम अनेक वेबसाइट पर Visit करते है जो कि तरह तरह की जानकारियों से भरी होती है कुछ Musics की साइट्स और कुछ जैसे Online Commerce Websites कुछ वेबसाइट केवल किसी विशेष क्षेत्र की जानकारी लिए होती है । लगभग हर क्षेत्र से जुडी जानकारी और सेवाएं इंटरनेट पर मौजूद है ।

      इसी Internet के क्षेत्र में ब्लॉग एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसने आम जन को भी इंटरनेट की दुनिया में योगदान देने के लिए आकर्षित किया है अगर सरल शब्दों में कहें तो ” ब्लॉग एक ऐसा कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम है जो हमे सरलतम तरीके से विजुअल एडिटर की मदद से वेब पेज बनाने की आजादी देता है |” और एक सरल ब्लॉग बनाने के लिए हमे बहुत अधिक तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती है और न ही हमे किसी किस्म का भुगतान करना होता है केवल थोड़ी सी जानकारी से हम एक अच्छा ब्लॉग बना सकते है । Blog किसी भी विषय पर हो सकता है

Below is some important blogger service that provides blogging features: -


WordPress
Blogger
Tumblr
Medium
Svbtle
Quora
Postach.io
Google+
       
                                       

इन सबमे सबसे सरल जो है वो   Bloggerपड़ता है जिसमे आप बड़ी आसानी से अपना ब्लॉग बना सकते है और बहुत कुछ सीख सकते है या यूँ कहूँ एक शुरुआत कर सकते है |

Sunday, July 15, 2018

Top Five Videos Of Earth From Space | LIVE EARTH | How our earth looks from space |

अंतरिक्ष से हमारी पृथ्वी कैसी दिखती है


              देखें कि जब हम अंतरिक्ष के माध्यम से देखते हैं तो हमारी धरती नीली रंग में कितनी सुंदर दिखती है। जब हम अपनी धरती को अंतरिक्ष से देखते हैं, तो हम महसूस करते हैं कि हम इस ब्रह्मांड में इतने छोटे लगते हैं। जब हम अपनी धरती को अंतरिक्ष से देखते हैं, तो यह बहुत सुंदर दिखता है। पूरी दुनिया के लिए व्यक्ति की इच्छा निश्चित रूप से होगी कि मैं एक बार देखता हूं कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को कैसे देखा गया था।
मैं ईमानदारी से मानता हूं कि हमारी दुनिया में वैज्ञानिक निश्चित रूप से लोगों की इच्छाओं के लिए इस इच्छा को पूरा करेगा।
मुझे आशा है कि दुनिया में औसत व्यक्ति देख पाएगा।हम अपने आप को बड़ा मानते हैं |जब हम अंतरिक्ष से देखते हैं तब हमें पता चलता है कि हमारी पृथ्वी ब्रह्मांड में कितनी छोटी है||
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आइए हम पृथ्वी के बारे में कुछ रोचक जानकारियां हासिल करें


आप जो भी चीज़ देख रहे हैं, उसका अतीत बन जाना तय है. पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व भी इसमें शामिल है. एक दिन ये भी अतीत बन जाएगा. लेकिन कब?
आपको भले यकीन ना हो, लेकिन जीवाश्मों के अध्ययन के मुताबिक पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को करीब 3.5 अरब साल हो चुके हैं. इतने समय में पृथ्वी ने कई तरह की आपदाएँ झेली हैं - जम जाना या अंतरिक्ष की चट्टानों का टकराना, प्राणियों में बड़े पैमाने पर ज़हर का फैलना, जला कर सब कुछ राख कर देने वाली रेडिएशन....
ज़ाहिर है यदि जीवन को ऐसा भीषण ख़तरा पैदा हो तब भी पृथ्वी से पूरी तरह से जीवन का अस्तित्व ख़त्म नहीं हो पाएगा.
लेकिन पृथ्वी पर इस दुनिया के खत्म होने की आशंका तो है ही...शायद पूरी पृथ्वी बंजर भूमि में तब्दील हो जाएगी. लेकिन क्या हो सकता है? कब तक रहेगा पृथ्वी पर जीवन? पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व से जुड़ी संभावनाओं और आशंकाओं पर एक नज़र:
ज्वालामुखी से तबाही
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समय सीमा- शायद, शून्य से 10 करोड़ साल?
संभव है कि पृथ्वी पर जीवन ज्वालामुखियों के विस्फोट से 25 करोड़ साल में खत्म हो जाएगा. ऐसा होने पर पृथ्वी पर मौजूद 85 फ़ीसदी जीव नष्ट हो जाएंगे जबकि 95 फ़ीसदी समुद्री जीवों का अस्तित्व नष्ट हो जाएगा.

इस दौरान ज्वालामुखी से जो लावा निकलेगा, वो ब्रिटेन के आकार से आठ गुना बड़ा होगा. लेकिन जीवन अपने आप गायब नहीं होगा.
क्षुद्र ग्रह के टकराने का ख़तरा
समय सीमा – शायद, 45 करोड़ साल के अंदर?
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ये सामान्य जानकारी है कि पृथ्वी पर से डायनासोर प्रजाति का क्षुद्र ग्रहों के टकराने के कारण अंत हुआ था. अगर एक भारी-भरकम क्षुद्र ग्रह के टकराने से विशालकाय डायनासोर लुप्त हो सकते हैं तो फिर एक दूसरी टक्कर से पृथ्वी पर जीवन भी नष्ट हो सकता है.
हालांकि ये काफी हद तक इस पर निर्भर करेगा कि क्षुद्र ग्रह टकराता कहां है? कुछ बड़े क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकराए ज़रुर हैं लेकिन उससे पृथ्वी पर जीवन ख़त्म नहीं हुआ. डायनासोर को नष्ट करने वाले क्षुद्र ग्रह जितने बड़े आकाशीय पिंड से पृथ्वी का टकराना दुर्लभ उदाहरण है.

इतने बड़े आकाशीय पिंड पृथ्वी से 50 करोड़ साल के अंतराल पर ही टकराते रहे हैं. अगर क्षुद्र ग्रह पृथ्वी से टकराया भी तो पृथ्वी पर से जीवन पूरी तरह समाप्त नहीं होगा. हालांकि इसकी आशंका तब ज़्यादा होगी जब कोई ग्रह आकार का पिंड पृथ्वी से टकरा जाए.
जब पृथ्वी का केंद्र जम जाएगा
समय सीमा- तीन से चार अरब साल
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पृथ्वी का केंद्र जमने से भी जीवन पूरी तरह ख़त्म हो सकता है. इस विषय पर 2003 में हॉलीवुड में 'द कोर' नाम से फ़िल्म बन चुकी है. इस फिल्म की कहानी है- पृथ्वी का केंद्र रोटेट करना बंद कर देता है, तब अमरीकी सरकार पृथ्वी के केंद्र तक ड्रिलिंग करके रोटेशन को सही करने की कोशिश करती है.
एक्टिव कोर नहीं होने से पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र ख़त्म हो जाएगा और इससे पृथ्वी का पूरा जीवन ख़तरे में आ सकता है.
कभी मंगल के पास अपना चुंबकीय क्षेत्र होता था जिसे उसने खो दिया. पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के कमज़ोर होने की ख़बरें भी पिछले दिनों आती रही हैं. लेकिन इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं हैं. क्योंकि ये कमी दिशा बदलने के चलते हुई है, घट नहीं रही है. लाखों साल में ऐसा अंतर आता रहता है.

लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र पूरी तरह ग़ायब हो जाएगा. केंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिचर्ड हैरिसन के मुताबिक हाल फिलहाल इसकी कोई उम्मीद नहीं है.
गामा किरणों का विस्फोट
समय सीमा- बाइनरी स्टार को डब्ल्यूआर 104 भी कहते हैं. यह करीब पांच लाख साल में तैयार होता है. अगर ऐसा हुआ भी तो हम तब तक नहीं होंगे.
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वैसे क्या हम यूनिवर्स में अकेले हैं. अगर नहीं तो हम एलियन की सभ्यता से संपर्क क्यों नहीं साध पाए हैं? वैसे पृथ्वी पर जीवन का समापन गामा किरणों के विस्फोट से हो सकता है.
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चलिए हम आपको दिखाते हैं पृथ्वी की कुछ दुर्लभ वीडियो अंतरिक्ष से

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अंतरिक्ष से पृथ्वी की कुछ दुर्लभ VIDEOS
Link- https://youtu.be/3BsizsxycOU

TOP FIVE VIDEOS OF EARTH FROM SPACE






यादवों की उत्पत्ति

एक यदुवंशी का सम्पूर्ण परिचय.... जाति ........... यादव / अहीर वंश .......... चंद्रवंशी छत्रिय कुल .......... यदुकुल / यदुवंशी इष्टदेव ...